---
भारत का 15वां अगस्त 🇮🇳
भारत का स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को पूरे देश में बड़े गर्व और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन स्वतंत्र हमारे राष्ट्र के गौरवशाली इतिहास और उन बलिदानों की याद दिलाता है, जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देश को अंग्रेजी शासन से मुक्त कराने के लिए दिए थे। 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली और एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में विश्व मानचित्र की स्थापना हुई। यह दिन केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं है, बल्कि स्वतंत्रता, एकता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है।
ऐतिहासिक
भारत पर लगभग दो राजवंशों तक ब्रिटिश शासन का शासन रहा। इस दौरान देशवासियों को आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक शोषण का सामना करना पड़ा। हुकूमत के ख़िलाफ़ कई विद्रोहों और क्रांतियों का जन्म हुआ। 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम, जिसे भारतीय इतिहास में "स्वाधीनता का प्रथम प्रयास" भी कहा जाता है, ब्रिटेन के विरुद्ध एक विद्रोही जन के रूप में सामने आया। हालाँकि यह प्रयास सफल नहीं हुआ, लेकिन स्वतंत्रता के लिए पूर्वी तट पर शिंगारी जलाई गई।
विज्ञापन 000000000
बीसवीं शताब्दी में महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन नया रूप दिया गया। उन्होंने आस्था और अहिंसा को अपना हथियार बनाया। सहयोग आंदोलन, सविनय आजादी आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन जैसे जननायकों ने ब्रिटिश शासन की स्थापना की। लाखों स्वतंत्रता सेनानियों ने जेलों की यातनाएँ सही कीं, अपने प्राणों की आहुति दी और देशों को स्वतंत्र करने के लिए संघर्ष किया।
सबसे पहले की घोषणा
15 अगस्त 1947 को मध्यरात्रि के समय भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित मजहबी नेहरू ने दिल्ली के लाल किले से ध्वज फहराया और ऐतिहासिक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि "भारत ने अपनी नियति के साथ समझौता किया है।" इसी क्षण भारत आधिकारिक रूप से एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया। इस दिन भारत के साथ-साथ पाकिस्तान को भी एक अलग देश के रूप में मान्यता मिली।
स्वतंत्रता दिवस का महत्व
स्वतंत्रता दिवस केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह हमें उन बलिदानियों की याद है, स्वतंत्रता दिवस हम आज स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं। इस दिन हमें यह भी सिखाया जाता है कि स्वतंत्रता के लिए हमेशा के लिए एकजुटता कायम रहनी चाहिए और देश की प्रगति में अपना योगदान देना चाहिए। यह राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता और लोकतांत्रिक लोकतंत्र की प्रति हमारी समानता का प्रतीक है।
उत्सव और उत्सव
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश भर में सरकारी और गैर-सरकारी स्तर पर कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं। सबसे बड़ा आयोजन दिल्ली का लाल किला होता है, जहां प्रधानमंत्री ध्वज फहराते हैं, राष्ट्रीय ध्वज ध्वज फहराते हैं और राष्ट्रगान करते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री देशवासियों का विवरण दिया गया है और पिछले वर्ष की प्रतिज्ञा और भविष्य की प्रतिज्ञा का विवरण दिया गया है।
Ads 444444444444
स्कूल, सुपरमार्केट, सरकारी और निजी पासपोर्ट में भी ध्वजारोहण किया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम, देशभक्त गीत, नाट्य मंचन और परेड का आयोजन होता है। बच्चे तिरंगे के रंग वाले कपड़े पहने हुए हैं, अपने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज लेकर राष्ट्रभक्ति का संदेश फैला रहे हैं। मीडिया चैनल और रेडियो स्टेशन राष्ट्रगीत और विशेष कार्यक्रम प्रसारित करते हैं।
फलों के बाद की चुनौतियाँ
हालाँकि भारत के सामने कई चुनौतियाँ थीं -विभाजन का कारण संकट, आर्थिक समस्याएँ, शिक्षा, गरीबी और विकास की कमी थी। लेकिन धीरे-धीरे भारत को इन मस्जिदों का सामना करना पड़ा और आज वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में सामने आई। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, उद्योग और रक्षा क्षेत्र में भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
स्वतंत्रता की रक्षा
स्वतंत्रता प्राप्त करना कठिन था, उसे बनाए रखने के लिए उपकरण ही बनाए जाते हैं। हमें आंतरिक और बाहरी लोकतंत्र से सावधान रहना होगा, सामाजिक लोकतंत्र को बनाए रखना होगा और लोकतांत्रिक लोकतंत्र को वोट देना होगा। लागत, अप्रकाशित, प्लांटेशन और बेरोज़गारी जैसे गरीबों से भी हमारी ज़िम्मेदारी है।
निष्कर्ष
भारत का स्वतंत्रता दिवस हर भारतीय के लिए गौरव का दिन है। यह हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता हमें आसानी से नहीं मिली, बल्कि इसके लिए अनगिनत लोगों ने अपना बलिदान दिया। आज हमारा कर्तव्य है कि हम देश की अखंडता, एकता और प्रगति में योगदान दें। जब तक हम अपने देश के प्रति ईमानदार सहयोगी और समूह को आगे बढ़ाएंगे, तब तक भारत की आजादी सुरक्षित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों पर भी गर्व से कहेगी - "मेरा भारत महान"।
---